Saturday, September 12, 2015

YAMA THE REGULATOR REGULATES YOUR TRAINING IN YOGA


Yama is the regulator. यम का अर्थ है नियंत्रक। जैसे मृत्यु के देवता यम नवजीवन के लिए संभावना तैयार करते हैं योग में भी यम आपकी जड़ता और Inertia को तोड़कर आपके लिए नई संभावनाओं की भूमि तैयार करता है।
यम है व्यवस्था करना, अतिरेक से रोकना, अति से रोकना, not to allow excesses, not to allow doing excess, not to allow bearing excesses
अति करना आदमी का स्वभाव है। उसकी बनावट में ही अति, excess करना छिपा हुआ है। जब वह आस्तिक बनेगा तो ढेरों पूजा करेगा, सब तीर्थ करेगा, उपवास करेगा और जब नास्तिक बनेगा तो भगवान को खत्म करने के तर्क देगा, विज्ञान की दुहाई देगा और आखिर में गाली भी देगा। आप अतियों पर रहते हो। छोरों पर रहते हो। you have extremes of values in your life. Extreme of honesty, extreme of truth, extreme of love extreme of hatred. Everything is there in extreme.
Because balance is difficult. Balance needs an effort. A positive effort on your part. Yama is that effort that inculcates balance between you and your surroundings.
मृत्यु के देवता को यम इसीलिये कहते हैं कि वह जीवन के अतिरेक को रोकते हैं। जीवन इतना ललचाने वाला है कि यदि यम का हस्तक्षेप ना हो, यम मृत्यु का आयोजन ना करें तो कोई भी यहाँ इस धरती से जाना ना चाहेगा। सब यहीं जमा होते रहेंगे और जीवन में नएपन के आने का कोई रास्ता ना बचेगा। यम मृत्यु के द्वारा जीवन में नयापन लाते हैं। जो पुराना है और जो अपना जीवन जी चुका है उसे अब जाना होगा और जो नया है जो अधिक अनुकूल है उसे आना होगा। जीवन में नये मूल्यों को मृत्यु के देवता यम लाते हैं।
योग आपको इस जीवन से जोड़ने का आयोजन है तो यह पुरानेपन की राख पर खड़ा ना हो पाएगा। पुराने का झाड़ देना होगा। जीवन में नये तार बजना चाहते हैं। पुराने साज पर यह मुमकिन नहीं होगा। योग की टूल किट में यम और नियम इसी नए साज को बजाने के दो तरीके हैं।
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